RBI Cuts Repo Rate to 6.25% for the First Time in 5 Years

RBI Cuts Repo Rate to 6.25% for the First Time in 5 Years – भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रेपो दर को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया है। यह दर घटाने का निर्णय लगभग पांच साल में पहली बार लिया गया है
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस निर्णय की घोषणा की, जो तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिया गया था। उन्होंने कहा, “मौद्रिक नीति समिति ने सर्वसम्मति से नीति दर को 25 आधार अंकों से घटाकर 6.25% करने का फैसला किया है!”

RBI ने रेपो रेट में कटौती क्यों की?

1. महंगाई दर (Inflation) नियंत्रण में
भारत में हाल के महीनों में महंगाई दर नियंत्रित रही है, जिससे RBI को ब्याज दर में कटौती करने का अवसर मिला।

2. आर्थिक विकास को बढ़ावा देना
भारत की आर्थिक विकास दर में हाल ही में गिरावट देखी गई थी। ऐसे में, ब्याज दर कम करने से बाजार में पूंजी प्रवाह बढ़ेगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

3. लोन की मांग को प्रोत्साहित करना
रेपो रेट में कटौती से होम लोन, कार लोन और बिजनेस लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। इससे लोग अधिक ऋण लेंगे और बाजार में मांग बढ़ेगी।

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4. वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रभाव
दुनिया के कई देशों में केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। भारत को भी अपनी नीतियां वैश्विक परिदृश्य के अनुसार समायोजित करनी पड़ीं।

इस फैसले का प्रभाव

रेपो रेट में कटौती का असर सीधे तौर पर बैंकिंग प्रणाली, आम जनता और संपूर्ण अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। आइए, इसे विस्तार से समझते हैं:

1. बैंकिंग सेक्टर पर प्रभाव

बैंकों के लिए RBI से कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा। इससे बैंकों को अधिक लिक्विडिटी (Liquidity) मिलेगी, जिससे वे ग्राहकों को होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि सस्ती दरों पर दे सकेंगे

2. आम लोगों पर प्रभाव
  • होम लोन और कार लोन होगा सस्ता
    रेपो रेट में कटौती के बाद बैंक अपनी लोन की ब्याज दरें घटा सकते हैं, जिससे होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और अन्य व्यक्तिगत ऋण सस्ते हो जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं पर कर्ज का बोझ कम होगा।
  • ईएमआई (EMI) में राहत
    जो लोग पहले से लोन चुका रहे हैं, उनकी मासिक किस्तों (EMI) में कमी आ सकती है, जिससे उनकी बचत बढ़ेगी।
3. रियल एस्टेट सेक्टर को लाभ

भारत में रियल एस्टेट सेक्टर पहले से ही सुस्ती का सामना कर रहा था। होम लोन सस्ता होने से अधिक लोग घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे इस क्षेत्र में डिमांड बढ़ सकती है।

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4. स्टॉक मार्केट पर प्रभाव

कम ब्याज दरें निवेशकों के लिए फायदेमंद होती हैं। ब्याज दरों में कटौती से शेयर बाजार में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है, क्योंकि निवेशक अधिक जोखिम लेने को तैयार होते हैं।

5. छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) को मदद

छोटे और मध्यम उद्योगों (MSME) को सस्ती दरों पर लोन मिलने से उनका व्यवसाय बढ़ सकता है, जिससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

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भविष्य की संभावनाएं

अगर महंगाई दर नियंत्रण में रहती है, तो RBI आगे भी ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इससे आर्थिक गतिविधियों को और मजबूती मिलेगी।

निष्कर्ष

RBI द्वारा रेपो रेट में की गई यह कटौती भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे आम जनता, बैंकिंग सेक्टर और व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। आने वाले समय में इसका प्रभाव लोन दरों, बाजार और औद्योगिक विकास पर देखने को मिलेगा।

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